पीएनबी- नीरव मोदी फ्रॉड : 11,500 करोड़ का महाघोटाला
राजेश राज
122 साल पुराना, 10 करोड़ खाताधारक वाला, 35,365 करोड़ की कुल संपत्ति वाला, देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक, महाघोटाले की चपेट में आकर डूबने की कगार पर है।
पंजाब नेशनल बैंक के कर्मचारियों ने देश के नामी हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके करीबी सहयोगी मेहुल चौकसी के साथ मिलकर बैंकिंग क्षेत्र के अब तक के सबसे बड़े घोटाले को अंजाम दिया है।
फर्जी एलओयू यानी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग की आड़ में जालसाज हीरा कारोबारियों ने 11,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। मामला सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) तक पहुंच चुका है। घोटाले में संलिप्त्ता के शक में पीएनबी ने भी अपने 10 कर्मचारियों को सस्पेंड कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दिया है।
बैंकिंक सेक्टर का अब तक का सबसे हैरान करने वाला ये घोटाला पीएनबी के मुंबई स्थित ब्रांच में हुआ है। इस खबर के आते ही पंजाब नेशनल बैंक का शेयर बुरी तरह टूट रहा है।
14 फरवरी को पीएनबी का शेयर करीब 10 फीसदी नीचे आ गिरा। इस गिरावट से पीएनबी के निवेशकों के 3,844 करोड़ रुपये डूब गए। यह सिलसिला 15 फरवरी को भी देखने को मिला।
दोपहर तक पीएनबी का शेयर मार्केट 17 फीसदी तक टूट चुका था। और इसी के साथ निवेशकों के करीब 6 हजार 840 करोड़ रुपये भी डूब चुके थे। यह सिलसिला जारी है।
इस घोटाले ने देश के बैंकिंग सेक्टर में तबाही का बवंडर खड़ा कर दिया है। खतरनाक संकेत ये भी मिल रहे हैं कि इस घोटाले का ताना-बाना 2001 में सामने आए देश के सबसे पहले बैंकिंग महाघोटाले केतन पारेख केस से काफी हद तक मिल रहा है।
महाघोटाले का खुलासा पीएनबी की जांच से ही हुआ। शुरूआत में ये घोटाला 280 करोड़ का ही लगा, लेकिन एक महीने की जांच ने पीएनबी के होश उड़ा दिए। पिछले सात सालों से चल रहे धोखाधड़ी के इस खेल में अब तक 11,500 करोड़ रूपये की चपत लगाई जा चुकी है।
पीएनबी ने इस साजिश में शामिल 10 कर्मचारियों को सस्पेंड कर उनके खिलाफ एफआईआर करा दिया है। साथ, ही हीरा कारोबारी नीरव मोदी, उसकी पत्नी, उसके भाई, उसके बिजनेस पार्टनर मेहुल चौकसी समेत 6 लोगों के खिलाफ सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय में शिकायत दर्ज करा दी है।
लेकिन खबर आ रही है कि इस शिकायत के दर्ज होने से एक महीना पहले मुख्य आरोपी नीरव मोदी देश छोड़कर फरार हो चुका है। उसके स्विटजरलैंड में होने की खबर है। जांच एजेंसी अब दूसरे मुख्य आरोपी मेहुल चौकसी को गिरफ्तार कर सकती है।
पीएनबी घोटाले ने पूरे देश को सकते में डाल दिया है। अब तक की सबसे बड़ी आर्थिक अनियमितता विजय माल्या के साथ जुड़ी थी।
लेकिन वह भी 9000 करोड़ लेकर ही फरार हुआ था। साढ़े 11 हजार करोड़ रुपये के इस घोटाले ने विजय माल्या को भी पीछे छोड़ दिया है। शिकायत दर्ज होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने नीरव मोदी के ठिकानों पर छापा मारना शुरू कर दिया है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग का ऐलान करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काल में माल्या के बाद ये दूसरा सबसे बड़ा घोटाला सामने आया है। हालांकि, वित्त मंत्रालय स्थिति नियंत्रण में बता रहा है।
आईए, अब आपको इस केस की हर बारीकी परत दर परत बताते हैं-
कैसे हुआ घोटाला
ये घोटाला फर्जी फर्जी ‘लेटर ऑफ क्रेडिट’ और ‘लेटर ऑफ अंडरटेकिंग’ के जरिए हुआ। दरअसल, विदेशों में कारोबार करने वालों के लिए बैंक में इस तरह की व्यवस्था आम बात है। ‘लेटर ऑफ अंडरटेकिंग’ एक पत्र होता है, जिसे कोई बैंक जारी करता है।
इस पत्र के आधार पर विदेशों में स्थित किसी सरकारी या निजी क्षेत्र के बैंक की शाखा से नकद राशि ली जा सकती है। लेकिन शर्त यह भी होती है कि जितनी राशि का ‘लेटर ऑफ अंडरटेकिंग’ जारी होता है, इसे जारी कराने वालों को उतनी राशि बैंक में जमा करानी होती है। लेकिन इस खेल में ऐसा कुछ नहीं हुआ।
बैंकिंग सिस्टम की खामियों को समझ कर बैंक के अधिकारी और हीरा कारोबारियों ने ऐसा खेल खेला, जिसमें आम निवेशकों के हजारों करोड़ रुपये साफ हो गए।
एलओयू बैंक की स्विफ्ट प्रणाली के जरिए जारी किया जाता है। इस कारण यह कोर बैंकिंग सॉल्यूशन प्रणाली से होकर नहीं गुजरता है। दूसरे शब्दों में कहें तो एलओयू भेजना वैसे ही होता है जैसे कोई फैक्स भेजना।
इस कारण कोर बैंकिंग प्रणाली की तरह कोई रिपोर्ट जेनरेट नहीं होती। बस, यही पर बैंक के पूर्व डिप्टी मैनेजर ने दूसरे कर्मचारियों के साथ मिल कर खेल खेला।
धोखाधड़ी के खेल में नीरव मोदी और उसका सहयोगी मुकुल चौकसी हीरा का कारोबारी बनकर पीएनबी बैंक पहुंचे। दोनों ने बताया कि हांगकांग में उसकी फर्म है जो कच्चा हीरा खरीदना चाहती है। इसके लिए ‘लेटर ऑफ अंडरटेकिंग’ एवं ‘फॉरेन लेटर्स फॉर क्रेडिट’ जारी करने की मांग की गई।
बताते हैं कि बैंक अधिकारियों ने साठगांठ के दम पर दोनों कारोबारियों के अकाउंट की जांच किए बिना कि उनमें पर्याप्त क्रेडिट है भी या नहीं, एलएफसी जारी कर दिए।
ये पत्र मुकुल चौकसी की फर्म गीतांजली जेम्स, गिली इंडिया और नक्षत्र, एवं नीरव मोदी की कंपनी सोलर एक्सपोर्ट, सेटलर डायमंड और डायमंड डीयू के नाम से जारी किए। इन्हीं पत्र के आधार पर हांगकांग स्थित एक्सिस बैंक और इलाहाबाद बैंक की शाखा से 280 करोड़ों रुपये निकाले गए।
बैंक की जांच में पता चला है कि ये खेल 2011 से ही चला आ रहा है। कोर बैंकिंग प्रोसेस में शामिल हुए बगैर एसओयू जारी करने की स्विफ्ट पद्धति ने इस घोटाले को सात सालों तक छिपाए रखा।
इस खेल में विदेशों में स्थित बैंक शाखाओं की अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ चुकी है। सीबीआई और ईडी जांच का दायरा वहां तक भी बढ़ सकता है। पीएनबी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, इतनी बड़ी राशि का घोटाला कोई छोटा मोटा अधिकारी अकेले नहीं कर सकता। निश्चित रूस से इसमें बड़े स्तर के अधिकारी की भी मिलीभगत होगी।
पीएनबी के एक बहुत बड़े स्तर के अधिकारी, जो अभी किसी दूसरे बैंक के सीईओ बनने का इंतजार कर रहे हैं, एजेंसी की के घेरे में आ चुके हैं।
क्या खोया बैंक ने
पीएनबी बैंक को सिर्फ आर्थिक क्षति ही नहीं हुई है, बल्कि निवेशकों का भरोसा भी बुरी तरह टूटा है। अब तक बैंक को 11 हजार 500 करोड़ रुपये का सीधा सीधा नुकसान दिख रहा है। घोटाले की यह रकम और भी बढ़ सकती है। उसकी साख टूटने के चलते उसके निवेशकों के 6 हजार 840 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
यह यही थमने वाला नहीं है। शेयर मार्केट और भी टूट सकता है। घोटाले की ये राशि बैंक के पिछले साल के मुनाफे की राशि 1,325 करोड़ से करीब 9 गुना है। बैंक की कुल संपत्ति का करीब एक तिहाई है। और उसके कुल कर्ज का 2.5 प्रतिशत के करीब है।
कौन है नीरव मोदी
नीरव मोदी ज्वैलरी की दुनिया में देश का बेहद बड़ा नाम है। उसकी ज्वैलरी को प्रियंका चोपड़ा और अनुष्का शर्मा जैसे टॉप की बॉलिवुड अभिनेत्री ऑस्कर समारोह में पहन चुकी है। इतना ही नहीं, इंटरनेशल एक्ट्रेस केंट विंसलेट, ताराजी हेन्सन, कार्ली क्लॉस और वायोला डेविस जैसी हीरोइनें भी नीरव मोदी ब्रांड की ज्वैलरी पहना करती है।