जानिए आरबीआई के नये गवर्नर उर्जित पटेल को
विक्रम उपाध्याय
उर्जित पटेल, नाम के आगे पटेल होने से पहले पहल यह अहसास होता है कि यह कोई गुजराती भद्र पुरुष होंगे। लेकिन रिजर्व बैंक के नये गवर्नर का गुजराती परिचय बहुत पीछे छूट गया है।
उनके दादा गुजरात को बहुत पहले छोड़ केन्या बस गये और वहीं अपना कारोबार जमाया। उर्जित पटेल ही नहीं उनके पिता भी केन्या मंे जन्में हैं और वहां की नागरिकता उन्हें इस कारण मिली है।
उर्जित पटेल अर्थशास्त्र के मूर्घन्य ज्ञाता हैं। लंदन स्कूल आॅफ इकाॅनोमिक्स से डिग्री, येले विश्वविद्यालय एमफिल और हावर्ड से पीएचडी करने के बाद वह दुनिया के तमाम बड़े संस्थानों में एक हार्डकोर अर्थशास्त्री के रूप में काम कर चुके हैं।
उनमें से सर्वाधिक प्रतिष्ठित संस्थान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ है और इसी आईएमएफ के कारण उर्जित पटेल भारत की ओर फिर से लौटे, लौटे क्या अब यहीं के हो कर रह गए।
आईएफएफ के इंडिया चेप्टर के प्रमुख के रूप में उर्जित पटेल का भारत आगमन हुआ और आते ही वह भारतीय नेताओं और नीति निर्धारकों के चहेते बन गए। वह भारत आए तो उस समय देश मंे नरसिंह राव की सरकार थी।
आईएमएफ के अधिकारी के नाते ही उर्जित पटेल का पहला परिचय प्रधानमंत्री नरसिंह राव और तत्कालीन वित्त मंत्री और फिर प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह से हुआ।
उर्जित पटेल ने दोनों को इतना प्रभावित किया कि उन दोनों ने उन्हें सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार बनाने का मन बना लिया और इस संबंध में उन्होंने आईएमएफ से दो साल के लिए श्री पटेल को छुट्टी देने की प्राथना कर डाली। लेकिन आईएमएफ इसके लिए तैयार नहीं हुआ।
उर्जिल पटेल का जन्म 1963 में हुआ लेकिन उनका भारतीय पासपोर्ट रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर बनने के बाद बना। तब तक वह भारत में लगभग 20 साल काम कर चुके थे।
यह उनके लिए गौरव की बात है कि उनके पासपोर्ट बनाने के लिए अनुशंसा पत्र किसी और ने नहीं बल्कि खुद प्रधानमंत्री के रूप मंे डाॅ मनमोहन सिंह ने लिखा था। उर्जित पटेल ने भारत लौटने के बाद ही गुजराती और हिंदी सीखी।
उर्जिल पटेल का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी गहरा नाता हैं। कहते हैं कि इन दोनों को मिलाने में रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी का सहयोग रहा है।
जब उर्जित पटेल का कार्यकाल भारत में आईएमएफ के प्रतिनिधि के रूप में खत्म हो रहा था और उर्जित वापस यहां से जाने की सोंच रहे थे, तभी मुकेश अंबानी ने उन्हें रिलायंस इनर्जी का हेड बनाकर यहां रोक लिया।
मुकेश अंबानी ने ही नरेन्द्र मोदी को उर्जित पटेल की अपार क्षमता और भारत के विकास के बारे में उनकी कल्पना के बारे में बताया।
मुख्यमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी ने उर्जित पटेल को गुजरात स्टेट पेट्रोलियम काॅरपोरेशन क नाॅन एक्जक्यूटिव डायरेक्टर बनाया।
उर्जित पटेल की आर्थिक समझ और वित्तीय अनुशासन की खूबियों का सम्मान देते हुए प्रधानमंत्री के रूप में डाॅ मनमोहन सिंह ने ही उन्हें रिजर्व बैंक का डिप्टी गवर्नर का पद भार सौंपां कहते हैं कि यह उर्जित पटेल ही हैं जिन्होंने देश को हाई इनफ्लेशन इकोनाॅमी से बाहर निकाल कर एक स्थिर अर्थव्वस्था में बदल दिया।
आरबीआई के गवर्नर के रूप में जब राजन ने कार्य संभाला तो थोड़े ही दिन में उर्जित उनके सबसे भरोसे के सहयोगी बन गए। उर्जित पटेल का अध्ययन और भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने की उनकी योजना का कायल राजन भी हैं।
उर्जित पटेल मुंबई में अपनी माॅ के साथ रहते हैं और हाल ही में उनके पिता का देहांत हो गया। उर्जित पटेल निजी जीवन में बेहद शांत और अंतर्मुखी हैं और वे तभी खुलते हैं जब उनके काम के बारे में कोई बात होती है। बहुमुखी प्रतिभा के धनी उर्जित पटेल देश की अर्थव्यवस्था को क्या दिशा देते हैं उस पर पूरी दुनिया की नजर होगी।